श्यामला द्विवेदी

पिछले बीस सालों से श्यामला द्विवेदी एक हेल्थ क्लिनिक चला रही हैं जिसे ए. एन. एम सेंटर कहते हैं। यहां पर वह गर्भवती महिलाओं को प्रसव-पूर्व सेवा देने, डेलिवरी कराने और शिशुओं को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का काम करती हैं। एक महीने में श्यामला 5-12 डेलिवरी करती हैं। उनके साथ एक सहायिका है, जो सेंटर की साफ सफाई का भी काम करती हैं। क्योंकि उनके मरीजों को कभी भी उनकी ज़रूरत पड़ सकती है, श्यामला क्लिनिक में ही रहती हैं और जब भी ज़रूरत हो मरीजों को देखती हैं या उनके घर जाती हैं।

श्यमला का सेंटर अमेठी के रामगढ़ गांव में स्थित है। सरकारी सहायता से चलने वाला यह सेंटर पास के और तीन गांवों के लिए ज़िम्मेदार है। श्यामला अक्सर ही अपने मरीजों को देखने के लिए, टीकाकरण संबंधी सरकारी कार्यक्रमों के लिए, और महिलाओं को सेंटर पर डेलिवरी करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गांवों में घूमती रहती हैं। श्यामला जिन महिलाओं के लिए काम करती हैं,वे बहुत गरीब हैं। समय के साथ उनका विश्वास जीत कर उन्होंने होम डेलिवरी की संख्या बहुत कम कर ली है।

श्यामला का घर, जहां उनके पति और दो बच्चे रहते हैं, सुलतानपुर में हैं, रामगढ़ से करीब तीस किलोमीटर दूर। जब बच्चे छोटे थे तो तब वे उनके साथ सेंटर पर ही रहते थे। लेकिन अब दोनों बड़े हो गए हैं। उनका बेटे स्कूल-टीचर है, और बेटी नर्स। उनके पति बैंक में काम करते हैं। घर जाने के लिए श्यामला को काम से छुट्टी लेनी पड़ती है। इसलिए वह कभी-कभी ही जा पाती हैं।

ए. एन. एम सेंटर काफी छोटा है। इसमें दो कमरे हैं। एक प्रसव-कक्ष की तरह इस्तेमाल होता है और दूसरा वेटिंग रुम की तरह और प्रशासनिक कामों के लिए। क्लिनिक में बिजली का कनेक्शन है, लेकिन बिजली अक्सर ही गायब रहती है। श्यामला बैट्री वाली “इमरजेंसी लाइट” रखती हैं, जिसे वह बिजली रहने पर चार्ज कर लेती हैं। अन्यथा उन्हें केरोसीन लैम्प का इस्तेमाल करना पड़ता है।

श्यामला को हंस फ्री इलेक्ट्रिक™ बाइक मार्च 2016 में पायलट के लिए मिली थी। क्योंकि उनके पास और कोई नहीं है, पैडलिंग का ज़िम्मेदारी उनकी ख़ुद की है।वह दिन में करीब 30 मिनट तक पैडलिंग करती हैं। लेकिन उनके पास पर्याप्त समय नहीं है। उनकी बाइक की बैट्री में भी समस्याएं आ रही थीं।

श्यामला के अनुभव की वजह से हमारे इंजीनियर्स नें बैट्री में कई सुधार किये हैं।