हमारे ग्राहकों की ज़िंदगी की एक झलक

अगर आपने खुद झेला नहीं है तो ये सोच पाना मुश्किल हैं  कि लोग भोजन, बिजली, साफ पानी और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना कैसे रहते हैं। ये भी सोच पाना मुश्किल है कि जो लोग इनके बिना चहते हैं, उन्हें अगर इसमें से एक भी चीज़ मिल जाए तो उनकी ज़िंदग़ी कितनी बदल जाएगी। हमने अपने दो साथियों को 2016 के हंस फ्री इलेक्ट्रिक™ के फायलट कार्यक्रम के प्रतिभागियों से बात-चीत करने को भेजा। हम उनके बारे में जानना चाहते थे और ये भी देखना चाहते थे कि हंस फ्री इलेक्ट्रिक™ बाइक मिलने से उनकी ज़िंदग़ी में क्या बदलाव आए। जिंदग़ी की झलक की इस सीरीज में हम ऐसे कुछ लोगों के बारे में बात करेंगे जिनकी सेवा के लिए बिलियन्स इन चेंज बनाया गया था।

हालांकि सभी लोगों की अपनी अनोखी कहानियां हैं, जिन लोगों से हमने बात की उनके बीच कुछ चीजें एक जैसी हैं। जैसे कि ये सब लोग गरीब परिवारों में पैदा हुए और कभी गरीबी के चक्कर से बाहर नहीं आ पाए। लगभग सब लोग ही खेती करते हैं, और सबके पास थोड़ी ही सही लेकिन अपनी ज़मीन है, और कम-से-कम एक गाय है। गाय से उन्हें थोड़ी अतिरिक्त आमदनी मिल सकती है।

लगभग सभी के घरों में बिजली का कनेक्शन है, लेकिन बिजली आने-जाने का कोई समय नहीं है। आम तौर पर बिजली देर रात को ही आती है (10-11 बजे के बाद), कभी-कभी वो भी नहीं आती है। कुछ महीनों में दिन में भी बिजली आती है, लेकिन शाम में लगभग बिल्कुल नहीं। इन कुछ घंटों की बिजली का बिल 70-80 रुपये आता है।

कई लोग बिजली का इस्तेमाल कर के सस्ते बैट्री वाले टॉर्च चार्ज कर लेते हैं। कुछ महंगे टॉर्च एक बार चार्ज करने से कई दिन चल जाते हैं, लेकिन सस्ते टॉर्च 3-4 घंटों मे डिसचार्ज हो जाते हैं और उनसे बहुत कम रोशनी मिलती है। केरोसीन लैम्प भी बहुत इस्तेमाल होते हैं और केरोसीन का महीने का खर्चा लगभग 90 रुपये का आता है (3 लिटर के इस्तेमाल से)। हालांकि राशन की दुकानों से उन्हें आधे दाम पर हर महीने केरोसीन मिलना चाहिए, वह उन्हें शायद ही कभी मिलता है।

इतनी गरीबी के बाद भी, घरों में टीवी औक सेटेलाइट कनेक्शन होना आम बात है। लगभग सभी घरों में मोबाइल भी है।

2016 के हंस फ्री इलेक्ट्रिक™ के फायलट का उद्देश्य यह देखना था कि बाइक असली ग्राहकों के लिए कैसा काम करती है, उन्हें क्या फायदे होते हैं, क्या परेशानियां होती हैं और बाइक को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। हमें इस पायलट से बहुत कुछ सीखने को मिला, इस बारे में कि बाइक कैसे बेहतर बनाई जा सकती है। लेकिन अभी आपको हम उन लोगों की दुनिया में ले चलते हैं जिनके लिए हम काम करते हैं। बिलियन्स इन चेंज के संस्थापक मनोज भार्गव के शब्दों में, “ये हमारे ग्राहक हैं।”