राज करन यादव

राज करन यादन अमेठी जिले के रिछौड़ा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के संस्थापक और मैनेजर हैं। उनका इसी गांव में पले-बढ़े हैं। छत्तीस साल के राज करन चार बच्चों में सबसे छोटे थे। उनके पिताजी की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी। उनकी मां मे बहुत गरीबी झेलते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण किया। सन् 2000 में उन्हें एक और झटका लगा जब उनकी पत्नी दो छोटे बच्चे पीछे छोड़ कर चल बसीं। दोनों बच्चे अब किशोरावस्था में हैं और उनके की स्कूल में पढ़ते हैं।

राज करन ने अपने पिताजी की याद में 2001 में श्री रमेश यादव स्मारक शिक्षा संस्थान खोला। धीरे-धीरे कर के उन्होंने स्कूल के आठ क्लासरुम बनाए, जिनमें कुछ के ऊपर टिन की और दूसरों पर पुआल की छत है। बीच के खाली मैदान में कई छायादार पेड़ लगे हुए हैं, जिनके नीचे भी बच्चे पढ़ाई कर सकते हैं। स्कूल की ज़मीन ग्रामसभा के पास है।

स्कूल में अभी 200 से ज़्यादा बच्चे कक्षा एक से बारह की पढ़ाई करते हैं। स्कूल में 11 शिक्षक हैं। स्कूल सप्ताह में छह दिन सुबह 9 बजे से शाम चार बजे कर चलता है। पहली से दसवीं तक सभी विषयों की पढ़ाई होती है। ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में बच्चे विज्ञान या कला के क्षेत्र चुन सकते हैं। राज करन खुद शिक्षक नहीं हैं, लेकिन उसके अलावा स्कूल के बाकी सभी काम करते हैं – प्रशासनिक कामों से लेकर अकाउंटिंग, पेड़-पौधों की देखभाल और झाड़ू लगाने तक।

स्कूल का खर्चा फी से ही चलता है। बाहर से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती। स्कूल की फी 50-300 रुपये प्रति महीने की है। फितृहीन बच्चों की फी वह माफ कर देते हैं।

राज करन स्पष्ट शब्दों में यह मानते हैं कि उनके छात्रों में से कोई भी ज़िंदग़ी में बहुत आगे नहीं निकला है। ज़्यादातर छात्रों ने साधारण नौकरियां ही पकड़ी हैं। लेकिन फिर भी वह ये मानते हैं कि शिक्षा हमारा अधिकार और मानव जाति की उन्नति के लिए ज़रूरी है। वह बड़े सपनों में भरोसा नहीं रखते, बल्कि हर कदम पर जो भी किया जा सकता है करते हैं। भविष्य में वह गांव में एक डिग्री कॉलेज खोलना चाहते हैं जिससे गांव के छात्रों के आगे की पढ़ाई के लिए दूर ना जाना पड़े।

स्कूल में बिजली का कनेक्शन है, लेकिन बिजली लगातार और पर्याप्त मात्रा में नहीं आती। जब स्कूल में बिजली नहीं लगी थी तब राज करन घर से एक इन्वर्टर चार्ज कर के लाते थे और स्कूल के कम्प्यूटर चलाने के लिए इस्तेमाल करते थे। स्कूल में पिछले 5-6 साल से कम्प्यूटर सिखाया जा रहा है। हर दिन 40 मिनट की कम्प्यूटर क्लास होती है।

हंस फ्री इलेक्ट्रिक™ के पायलट में राज करन को बाइक के अलाावे एक कम्प्यूटर मॉनिटर और बच्चों की पढ़ाई से संबंधित वीडियो एक यू एस बी ड्राइव पर मिले थे। बाइक से पूरा कम्प्यूटर तो नहीं चल पाता, लेकिन छोटे क्लास के बच्चों के लिए मॉनिटर बहुत उपयोगी है। बाइक का इस्तेमाल शाम में बिजली के लिए होता हैं, जब कई बच्चे खुद से पढ़ाई करने के लिए स्कूल-परिसर का इस्तेमाल करते हैं। बाइक वह खुद पैडल करते हैं, और कभी-कभी बच्चे भी कर लेते हैं। उनका कहना है कि पैडलिंग से उनके घुटनों के दर्द में बहुत आराम हुआ है।